सरकार के एक अध्ययन के मुताबिक, साॅयल हेल्थ कार्ड के उपयोग से किसानों को लागत कम करने के साथ उपज बढ़ाने में भी मदद मिली है। अध्ययन के अनुसार फसलों के आधार पर किसानों को प्रति एकड़ 30,000 रुपए तक का फायदा हुआ है। नेशनल प्रोडक्टिविटी काउंसिल (एनपीसी) ने यह अध्ययन में 19 राज्यों के 76 जिलों में किया। इसके तहत 170 मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं की सेवाएं ली गईं। मृदा सॉयल हेल्थ कार्ड योजना में किसानों को उनके खेतों में पोषक तत्वों की उपस्थिति की जानकारी उपलब्ध कराने के साथ साथ मिट्टी के स्वास्थ्य और उर्वरता में सुधार करने वाले पोषक तत्वों की उचित आपूर्ति के बारे में बताया जाता है।
सूरजमुखी की खेती में आय लगभग 25,000 रुपए प्रति एकड़ बढ़ी
स्टडी के अनुसार सॉयल हेल्थ कार्ड की सूचनाओं से उर्वरकों की बचत और उपज में वृद्धि होने से किसानों की आय बढ़ी। रिपोर्ट के अनुसार इस योजना की मदद से अरहर की खेती में 25,000-30,000 रुपए प्रति एकड़ की बढ़ोतरी हुई। सूरजमुखी की खेती में लगभग 25,000 रुपए प्रति एकड़, कपास में 12,000 रुपए प्रति एकड़, मूंगफली में 10,000 रुपए प्रति एकड़, धान में 4,500 रुपए प्रति एकड़ और आलू में 3,000 रुपए प्रति एकड़ की बढ़ोतरी हुई है। सॉयल हेल्थ कार्ड के अनुसार उर्वरकों के उपयोग से यूरिया जैसे नाइट्रोजन उर्वरकों की बचत हुई, जिससे खेती की लागत में कमी आई।
दलहन खेती में प्रति एकड़ 10 किग्रा यूरिया की बचत हुई
रिपोर्ट के अनुसार धान की खेती की लागत में 16-25% की कमी आई और नाइट्रोजन उर्वरक की बचत लगभग 20 किलोग्राम प्रति एकड़ रही। इसी तरह दलहन खेती की लागत में 10-15% की कमी हुई और प्रति एकड़ 10 किग्रा यूरिया की बचत हुई। तिलहन खेती की लागत में 10-15% की कमी आई। नाइट्रोजन की खपत सूरजमुखी में 9 किग्रा प्रति एकड़, मूंगफली में 23 किग्रा प्रति एकड़ और कैस्टर में लगभग 30 किग्रा प्रति एकड़ कम हुई। कपास की लागत में 25% की कमी आई और नाइट्रोजन पर बचत लगभग 35 किलोग्राम प्रति एकड़ रही। आलू में नाइट्रोजन की बचत 46 किलोग्राम प्रति एकड़ की हुई।
धान का उत्पादन 10-20% और गेहूं,ज्वार का उत्पदान 10-15% बढ़ा
उर्वरकों के सही तरीके के इस्तेमाल से फसलों के उत्पादन में भी वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार धान के उत्पादन में 10-20% और गेहूं, ज्वार में 10-15% की बढ़ोतरी हुई है। दलहन के उत्पादन में 10-30% की वृद्धि हुई। तिलहन के उत्पादन में 40% और कपास के उत्पादन में 10-20% की बढ़ोतरी हुई। योजना के तहत, हर दो साल में किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड जारी किया जाता है। 2015 से 2017 तक पहले चरण में किसानों को 10.74 करोड़ सॉयल हेल्थ कार्ड वितरित किए गए। 2017-19 के दूसरे चरण में 11.69 करोड़ सॉयल हेल्थ कार्ड वितरित किए गए हैं।
सॉयल हेल्थ कार्ड से किसान 30,000 रुपए प्रति एकड़ तक आय बढ़ा सकते हैं